मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

ऊदोजी के तँवर (Udoji ke Tanwar)


ऊदोजी के तँवर - पाटन के राणा कंवल जी के पुत्र राव ऊदोजी के वंशज " ऊदोजी के तंवर " कहलाते हैं। राणा कंवल जी के बडी राणी से ऊदोजी का जन्म हुआ। ऐसा माना जाता है कि ऊदोजी की माता का देहांत हो जाने पर उनकी सौतेली माता ने अपने पुत्र को राजगद्दी पर बिठाने के लिए षडयंत्र करना प्रारंभ कर दिया था। उसने ऊदोजी को जहर देने का विफल प्रयास किया। जब ऊदोजी को इसका पता चला तो उन्होंने अपने सौतेले भाई को पाटन का राज्य देकर अन्यत्र चले गए। ओर ऊदोजी ने नीमकाथाना के आस-पास के कई गांवों पर अपना अधिकार कर लिया और वही से अपना राज्य करना प्रारंभ कर दिया।

उदोजी के तंवरों कि 2 मुख्य शाखाएं

  1. लाखावत तंवर
  2. सांगावत तंवर


ऊदोजी के तँवरो के ठिकाने
  • गांवडी-पाटन के राणा कंवलजी के बड़े पुत्र राव उदोजी ने गांवड़ी की स्थापना संवत् 1484(1427ई.) में की थी।
  • भागेगा
  • भगोट
  • बुचारा
  • प्रथमपुरी
  • मोही
  • गणेसर
  • मंडोली-गांवडी ठाकुर लाखाजी ने जाटों से मंडोली जीता और इन्दरपालजी को मांडोली दिया।
  • मांवडा-(12 गांव की जागीर) गांवडी से निकलकर दो भाई श्यामदासजी और सुन्दरदासजी ने मावंडा कलां बसाया।
  • नीमकाथाना
  • महावा- गांवडी के ठाकुर भीमराज जी के पुत्र सुरजनसिंह जी ने बसाया।
  • हीरावली
  • बलराम की ढाणी
  • राणासर
  • कोटडा
  • गोविन्दपुरा
  • मांकडी 
  • भूदोली-गांवडी ठाकुर डूंगरसिंह के पुत्र महाराज उदयसिंहजी ने भूदोली गांव संवत् 1627(1570ई.) में बसाया।
  • चीपलाटा-गांवडी ठाकुर भीवराजजी के पुत्र भगवानदास जी ने चीपलाटा बसाया।
  • दांतिल-मावंडा से सुन्दरदासजी के पुत्र ने दांतिल बसाया।
                                          🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏

परसराम जी के तँवर


परसराम जी के तँवर- पाटन राव बीकोजी के पुत्र परसरामजी हुए, जिनके वंशज "परसराम जी के तंवर" कहलाते हैं।


परसराम जी के तँवरो के ठिकाने

  • हसामपुर 
  • सुदरपुरा
  • ढाढा
  • पवाना
  • कल्याणपुरा कलां
  • पुरूषोत्तमपुरा
  • नागल चौधरी
  • सुरा की ढाणी
                                           🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏

सोमवार, 6 अप्रैल 2015

आसलजी के तँवर (Asalji ke Tanwar)



आसलजी के तँवर- पाटन के राणा कंवल जी के पुत्र राणा आसलजी के वंशज आसलजी के तंवर कहलाते हैं। पाटन के राव भी आसलजी(आसोजी) की खाप के हैं।


आसलजी की खांप के बडे ठिकाने-
  • पाटन - पाटन राव
  • टोडा- पाटन राव छोटा आसलजी के कंवर चतूरभुज जी को 12 गांव  के साथ टोडा की जागीर मिली।
  • जीलो- पाटन राव छोटा आसलजी के कंवर पुरणमलजी को 12 गांव के साथ जीलो की जागीर मिली।
  • इमलोहा- पाटन राव छोटा आसलजी के कंवर जयदेव सिंह को 7 गांव के साथ इमलोहा कि जागीर मिली।
  • डोकन- पाटन राव आसलजी के पुत्रों (राव रणमल और राव धगारहे) को मिला।
  • रायपुर-पाटन - पाटन राव केसरी के कंवर जुझार सिंह को रायपुर कि जागीर संवत् 1730(1673 ई.) में मिली।
  • किशोरपुरा-(3 गांव और 13 ढाणी के ठाकुर), राव फतेहसिंह पाटन के दुसरे पुत्र ठाकुर पृथ्वीसिंह ने किशोरपुरा सन् 1688ई.(वि.स.1745) में बसाया, इनके चार पुत्र हुए-(1)ठा.बाघसिंह-पहला पाना (2)ठा.खडगसिंह-दुसरा पाना (3)ठा.दौलतसिंह और (4)ठा.करमसेन
  • सिहोड-पाटन राव बक्शीरामजी के पुत्र कंवर रणजीतसिंह तंवर को सिहोड की जांगीर मिली, इन्ही के वंशज राव उदयसिंह जी पाटन राव मुकुंद सिंह जी के गोद गये थे।
  • कचरेडा-राव फतेहसिंह पाटन के तीसरे पुत्र ठा.स्वरुपसिंह के वंशजो को कचरेडा मिला, इनके 2 गांव हैं।
  • रायलो पगनवास- पाटन राव आसलजी के पुत्रों(राव मोकल और राव जामोजी) को मिला।
  • नयाराणा - पाटन राव कर्पुरजी के पुत्र राव ऊत्तोजी को मिला।
  • हासमपुर- पाटन राव कर्पुरजी के पुत्रों राव भोजजी,राव अखोजी, राव चांदजी और राव होमोजी को मिला, इस गांव में परसराम जी के तंवर भी है।
  • जाटवास-दोलतपुरा - पाटन राव कर्पुरजी के पुत्र राव महेशदासजी को मिला।
  • मण्डा- टोडा ठाकुर तेजसिंह जी के पुत्र हरवल्लभ सिंह को मण्डा की जागीर मिली।
  • किशनपुरा- टोडा ठाकुर तेजसिंह जी के पुत्र हरिकिशन सिंह को किशनपुरा की जागीर मिली।
  • छेतराम का पलासवाला- टोडा ठाकुर तेजसिंह के पुत्र हरछेतराम सिंह को पलासवाल मिला।
  • दरीबा[हिम्मतसिंह का दरीबा]- टोडा से कल्याणदास जी के पुत्र हिम्मत सिंह को दरीबा कि जागीर मिली।
  • छारावली - टोडा से कल्याणदास जी के पुत्र कुशाल सिंह को छारावली मिला।
  • कंवर का नागल- पाटन राव केसरी सिंह के पुत्रों को मिला।
  • डाबला
  • कोला की नांगल
                                           🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏



आसोजी की खांप के अन्य ठिकाने -
जयराम सिंह का टोडा, मण्डाका, रावतानी, जाटाला, बरियाली, दुबडा, रामचन्द्र सिंह का टोडा, उपलावाद, बिन्दाला, चान्दोली, तेलीवाला, रामल्यास, , टोडा साहबसिह का, दीपावास, बूजा, लुहारावास, दयाल की नागल, बिहारीदास की ढाणी, नाथा की नागल, बिहारीपुर, झालरा, श्यामपुरा, राम सिंह की ढाणी और चिमन सिंह की ढाणी।
                                           🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏

शनिवार, 4 अप्रैल 2015

किलोर जी के तँवर (बाईसी के तँवर)

केलोडजी के तंवर (किलोर जी के तंवर)-पाटन के राव कंवलजी के तीसरे पुत्र किलोड* जी हुए, जिनके वंशजो को किलोड जी के तंवर कहा गया। किलोर जी  के पुत्रो के 22 गाँव थे जिसके कारण इन्हें बाईसी के तंवर भी कहा जाता है।
ये 22 गाँव इस प्रकार है।
1 कुजोता
2 महरपुर
3 जिणगोर
4 भालोजी(मुसलमान बन गए)
5 पाथरेडी
6 भैसलाना
7 पवाला राजपुताना
8 महरीन
9 बेरी
10 केशवाना राजपुताना
11 चेचिका
12 खडब
13 तिहाड
14 बनार
15 पंचाणी/पिचाणी
16 खेडा
17 सरूण्ड
18 चान्दवास
19 भोजवास
20 किरपुरा
21 फतहपुरा(अहीर बन गए)
22 जगदीशपुरा(अहीर बन गए)
23 नारहेडा
24 बनेठी

नारहेडा-राव कंवल जी के पुत्र राव किलोड जी के पुत्र प्रभाऊ के पुत्र उदयराम के पुत्र सोढ के प्रपोत्र "नाहर सिंह तंवर" ने नारहेडा बसाया।
नाहर सिंह तंवर के वंशज बिशन सिंह तंवर ने नारहेडा में वि. स. 1775 में गूगामेडी बनवाई तथा गोपाल की पत्नी उमदा कंवर ने वि.स. 1594 मे शिवालय ओर धर्मशाला बनवाई।
नाहर सिंह तंवर के चौथे पुत्र धन सिंह जोगी बन गए ओर वि.स.1608 में समाधी ली।

बनेठी-राव कंवल जी के पुत्र राव किलोड जी के पुत्र प्रभाऊ के पुत्र उदयराम के पुत्र नागराज के वंशज "पृथु सिंह तंवर" ने वि.स. 1535 में बनेठी बसाया। पिथु सिंह तंवर ने यह गांव गुर्जरों से छीना था।
इनके वंशज दुरसाराम तंवर की छतरी वि.स. 1847 में बनेठी में बनवाई गयी। यही पर सालिम सिंह तंवर की छतरी भी वि.स. 1939 में बनवायी गयी।
बनेठी में मशहूर डाकू बख्तावर सिंह हुए जिनका स्मारक भी बना हुआ है। डाकू बख्तावर सिंह के सम्बन्ध में अनेक कवियों ने रचनाएँ की है कि वो गरीब विधवाओं ओर अनाथो के हमदर्द, सहायक ओर नाथ थे।

*कई इतिहासकारों ने पाटन राव पीपलराजी के पुत्र राव कमलजी के वंशजों को केलोड जी तंवर(बाईसी का तंवर) लिखा है।
                                           🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

कर्णोजी के तँवर (चौबीसी के तँवर)

कर्णोजी के तँवर- पाटन के राजा कमलजी के पुत्र पालन सी(पजान जी) को जागीर में पानेडा मिला। पजानजी के वंशज कर्णोजी तंवर हुए, जो पानेडा से बडबार चले गये जिनके वंशज "कर्णोजी के तंवर" कहलाते हैं। इनके 24 गाँव थे, जिसके कारण इन्हें "चौबीसी के तंवर" भी कहते हैं।
ये 24 गाँव इस प्रकार थे।
1 बडबार
2 बुहाना
3 शिमला(अहीर बन गए)
4 नरान्त
5 आसलवास
6 धुलवा
7 रायली
8 ढाणी सम्मपतसिंह
9 गादली
10 नुहानिया
11 निम्बास
12 बेरला
13 कासणी
14 लौटिया
15 फतेहपुर
16 काकोडा
17 चौराडी
18 अगवाणा
19 भुढनपुरा
20 ढोढवाल/ठोठवाल
21 लाम्बी
22 अडीचा
23 काजला
24 धिगडिया
25 बालजी
                                           🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏

गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

बत्तीसी के तँवर (Battisi Tanwar)


बत्तीसी तँवर - पाटन के राव बहादुर सिंह जी के 32 पुत्रों को 32 गाँव दिये गये जिसको बत्तीसी बोलते हैं, जो निम्न प्रकार है

  • पृथ्वीराज को "पाटन" गाँव
  • रणसी और भोनजी को "डोकन" गाँव
  • सोढजी को "जीलो" गाँव
  • भोमा, सुरजन और धामदेव को "माँवडा" गाँव
  • आरोडजी और केलूधीरजी को "भादवाडी" गाँव
  • धीरसिंह को "बेलू" गाँव
  • सीहोजी को "गाँवडी" गाँव
  • झुझा को "भुदोली" गाँव
  • धीरसिंह को "टोडा, गणेश्वर एवम कोण्डला" गाँव
  • धागलजी को "चीपलाटा एवम घाटा" गाँव
  • मेढराज जी को "मेढ व बैराठ" गाँव
  • अखेराज को "जखाडा एवम् खिरोड़ी " गाँव
  • आशादिप* को "नीमोद" गाँव,,,,,
  • नानगदास को "नानगवास" गाँव
  • मेलराज को "इमलोहा" गाँव
  • अंजन को "अजमेर व रायपुर जागीर**" गाँव,,,,
  • गोविंद जी को "मौखता" गाँव
  • पीथोजी और भैरूजी को "प्रीतमपुरी" गाँव
  • भीखमसिंह को "बुखारा***" गाँव
  • तेजसिंह को "कुण्डाली****" गाँव,,,
  • दूदाजी को "सीरोही" गाँव
  • झाडसी को "झाडली" गाँव
  • गजसिह को "खोरोटी" गाँव
  • हालो को "चुडला" गाँव
  • दरजन व बालोजी को "माण्डोली" गाँव मिले
  • आसादिनजी को "हाथीदेह" गाँव मिले।
*महावीर प्रसाद शर्मा ने (तोरावाटी का इतिहास) में आसादिप और आसादिन को एक ही लिखा है।
**महावीर प्रसाद शर्मा ने (तोरावाटी का इतिहास) में अंजनजी को अजमेरी और रामपुरिया गांव लिखा है।
***महावीर प्रसाद शर्मा ने (तोरावाटी का इतिहास) में भीखमसिंह को भीमसहाय और बुखारा को बुचारा गांव लिखा है।
****महावीर प्रसाद शर्मा ने (तोरावाटी का इतिहास) में तेजसिंह को कुण्डाली कि जगह इण्डोली गांव लिखा है।

बत्तीसी के अन्य ठिकाने

  • गणैश्वर नाला- राव रायसलजी ने बसाया।
  • भीतरली गांवड़ी- राव थालोजी ने बसाया।
  • इमलोटा- राव पुरणमलजी के पुत्र राव अडहरजी को मिला।
  • गगताने- राव पुरणमलजी के पुत्र राव खेत को मिला।
  • कालुखोर- राव पुरणमलजी के पुत्रों राव नोलजी और राव सागरजी का मिला।
  • कुंडाला- राव पुरणमलजी के पुत्र राव धीरदेहजी को मिला।
  • सांथल- राव लुणकरण जी के पुत्र राव सांथलजी को मिला।
  • ढाणी रावता- राव बिगमजी और राव पीपोजी को मिला।
  • बायल- राव बायलजी को मिला।
                                            🙏करणसिंह बोरज तँवरान🙏