बत्तीसी तँवर - पाटन के राव बहादुर सिंह जी के 32 पुत्रों को 32 गाँव दिये गये जिसको बत्तीसी बोलते हैं, जो निम्न प्रकार है
- पृथ्वीराज को "पाटन" गाँव
- रणसी और भोनजी को "डोकन" गाँव
- सोढजी को "जीलो" गाँव
- भोमा, सुरजन और धामदेव को "माँवडा" गाँव
- आरोडजी और केलूधीरजी को "भादवाडी" गाँव
- धीरसिंह को "बेलू" गाँव
- सीहोजी को "गाँवडी" गाँव
- झुझा को "भुदोली" गाँव
- धीरसिंह को "टोडा, गणेश्वर एवम कोण्डला" गाँव
- धागलजी को "चीपलाटा एवम घाटा" गाँव
- मेढराज जी को "मेढ व बैराठ" गाँव
- अखेराज को "जखाडा एवम् खिरोड़ी " गाँव
- आशादिप* को "नीमोद" गाँव,,,,,
- नानगदास को "नानगवास" गाँव
- मेलराज को "इमलोहा" गाँव
- अंजन को "अजमेर व रायपुर जागीर**" गाँव,,,,
- गोविंद जी को "मौखता" गाँव
- पीथोजी और भैरूजी को "प्रीतमपुरी" गाँव
- भीखमसिंह को "बुखारा***" गाँव
- तेजसिंह को "कुण्डाली****" गाँव,,,
- दूदाजी को "सीरोही" गाँव
- झाडसी को "झाडली" गाँव
- गजसिह को "खोरोटी" गाँव
- हालो को "चुडला" गाँव
- दरजन व बालोजी को "माण्डोली" गाँव मिले
- आसादिनजी को "हाथीदेह" गाँव मिले।
*महावीर प्रसाद शर्मा ने (तोरावाटी का इतिहास) में आसादिप और आसादिन को एक ही लिखा है।
**महावीर प्रसाद शर्मा ने (तोरावाटी का इतिहास) में अंजनजी को अजमेरी और रामपुरिया गांव लिखा है।
***महावीर प्रसाद शर्मा ने (तोरावाटी का इतिहास) में भीखमसिंह को भीमसहाय और बुखारा को बुचारा गांव लिखा है।
****महावीर प्रसाद शर्मा ने (तोरावाटी का इतिहास) में तेजसिंह को कुण्डाली कि जगह इण्डोली गांव लिखा है।
बत्तीसी के अन्य ठिकाने
- गणैश्वर नाला- राव रायसलजी ने बसाया।
- भीतरली गांवड़ी- राव थालोजी ने बसाया।
- इमलोटा- राव पुरणमलजी के पुत्र राव अडहरजी को मिला।
- गगताने- राव पुरणमलजी के पुत्र राव खेत को मिला।
- कालुखोर- राव पुरणमलजी के पुत्रों राव नोलजी और राव सागरजी का मिला।
- कुंडाला- राव पुरणमलजी के पुत्र राव धीरदेहजी को मिला।
- सांथल- राव लुणकरण जी के पुत्र राव सांथलजी को मिला।
- ढाणी रावता- राव बिगमजी और राव पीपोजी को मिला।
- बायल- राव बायलजी को मिला।
Chonod ke tanwar patan kis rao belong karte he ye borana tanwar he chonod wale
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